कभी पढ़ने के लिए कॉलेज गए
तो कभी लड़ने के लिए ।
कभी मिलना था 'उनसे'
कभी मिलाना था 'उन्हें'
कभी कहने से गए सर के
कभी गए बन संवर के
कभी धूप सेंकने के लिए
क्लास छोड़ दी
कभी बेसिर पैर के सवाल पूछने पर निकाल दिए
क्लास से
कभी होम वर्क नहीं किया
इसलिए नहीं गए क्लास में
कभी नजर नहीं आते थे
'अपने' क्लास में
इसलिए मारते थे बंक
कभी इसलिए छोड़ते थे क्लास
कि टीचर पढ़ाने के बजाए
मारते थे डंक
इन कभी कभी में
बहुत कुछ छूट गया
मसलन जो नहीं हुआ कभी
कम्बख्त
सब करना चाहता हूं अभी !
( नवंबर 2012 में मन में जो आया वो लिख दिया । कविता है भी और नहीं भी । )
तो कभी लड़ने के लिए ।
कभी मिलना था 'उनसे'
कभी मिलाना था 'उन्हें'
कभी कहने से गए सर के
कभी गए बन संवर के
कभी धूप सेंकने के लिए
क्लास छोड़ दी
कभी बेसिर पैर के सवाल पूछने पर निकाल दिए
क्लास से
कभी होम वर्क नहीं किया
इसलिए नहीं गए क्लास में
कभी नजर नहीं आते थे
'अपने' क्लास में
इसलिए मारते थे बंक
कभी इसलिए छोड़ते थे क्लास
कि टीचर पढ़ाने के बजाए
मारते थे डंक
इन कभी कभी में
बहुत कुछ छूट गया
मसलन जो नहीं हुआ कभी
कम्बख्त
सब करना चाहता हूं अभी !
( नवंबर 2012 में मन में जो आया वो लिख दिया । कविता है भी और नहीं भी । )
